“आपका लखनऊ” लखनऊ की कला, संस्कृति, इतिहास की किस्सागोई करता हुआ योगेश प्रवीन जी की कलम से निकला हुआ एक और कलाम है। एक मोहब्बत तो लखनऊ से थी ही, दूसरी अब योगेश प्रवीन जी की लेखनी से हो गयी। किताब तो ये लखनऊ की तहजीबो-अदब की कहानी कहती है, लेकिन कहानी कहने के अंदाज़ में भी गजब की रूमानी कशिश है जो कि पढ़ने वाले को बांधे रखती है। शायद यही वजह रही कि 248 पन्ने की यह किताब एक झटके में खत्म हो गयी।